हे पान प्रमाणित केलेले आहे.
४४. | नूतन सहस्रकातील व्यवस्थापन | १६६ |
४५. | नूतन सहस्रकातील आव्हान | १६९ |
४६. | नोकरशाहीचं व्यवस्थापकीय प्रशिक्षण | १७२ |
४७. | स्वयंव्यवस्थापन (भाग पहिला) | १७६ |
४८. | स्वयंव्यवस्थापन (भाग दुसरा) | १७९ |
४९. | स्वयंव्यवस्थापन ( भाग तिसरा) | १८२ |
५०. | स्वयंव्यवस्थापनाची शैली | १८६ |
५१. | कामगार नेते आणि मनुष्यबळ विकास | १८८ |
५२. | मूल्यवृध्दी, व्यवस्थापन व कर्मचारी | १९१ |
५३. | व्यवस्थापन - संघर्षाचे | १९४ |
५४. | व्यवस्थापकीय भ्रष्टाचार : एक चिंतन | १९७ |
५५. | व्यवस्थापन आणि सेवाभाव | २०० |
५६. | सीमाविरहित जगातील व्यवस्थापन (भाग पहिला) | २०३ |
५७. | सीमाविरहित जगातील व्यवस्थापन (भाग दुसरा) | २०६ |
५८. | नोकरीबाबत स्थितप्रज्ञ राहा | २०८ |
५९. | स्वतःच्या कंपनीला ‘ओळखा' | २११ |
६०. | काम व क्षमतेचं समालोचन | २१४ |
६१. | नवी नोकरी स्वीकारताना | २१७ |
६२. | स्थलांतर शाप की वरदान? | २२० |
६३. | व्यवस्थापकीय सल्लागार आणि संस्था | २२४ |
६४. | संस्थेच्या समस्यांचे निदान | २२६ |
६५. | संस्थेच्या समस्यांवरील उपाययोजना | २२८ |
६६. | जागतिक दर्जाच्या संस्थांची वैशिष्ट्ये | २३१ |