पान:संपूर्ण भूषण.djvu/225

विकिस्रोत कडून
या पानाचे मुद्रितशोधन झालेले नाही

=

=

=

==

==

= == = =

=

=

  1. .nu=

-=-=-=

-

=- =-=--=-=-=""

"1ntra १७५ फुटकर की रूम अभिमान हबसान हद कादरी ॥ नेकी अरबान सान अब इरान त्यही क्रोध है तुरान ज्यों फरांस फंद आदरी । भूषन भनत इमि देखिये महीतल पै बीर सिरताज सिवराज की बहादरी ॥ १८ ॥ (१८) महादरी-आदरणीय. अमान=निरभिमान. नेकी=इमानदारी, सचोटी. सान अब विनयाची पद्धत. फंद अदरी=फितुरीची गोडी. हद कादरी-कादरी संप्रदायाची मर्यादा. । आपस की फूटही ते सारे हिन्दुवान टुटे टुट्यो कुल रावन अनीति अति करते । पैठिगो पताल बलि बज्रधर ईरषा ते दृट्यो हिरनाक्ष मान चित्त धरते ॥ टुट्यो शिशुपाल बासुदेव जू सों बैर करि दृष्ट्यो है महिष दैत्य अधम बिचरते । राम कर छुवन ते टुट्यो ज्यों महेश चाप टूटी पातसाही सिवराज संग लरते ॥ १९॥ (१९) पाठेगो-घुसला. छुवन ते स्पर्श करण्याने. साजि दल सहज सितारा महाराज चलै वाजत नगारा पढे धाराधर साथ से। राइ उमेराइ राना देस देसपति भागे तजि तजि गढन गदोई दसमाथ से ।। पैग पैग होत भारी डाँवाँडोल भूमि गोल पैग पैग होत दिग्ग मैगल अनाथ से। उलटत पलटत गिरत झुकत उझकत शेषफनि वेद पाठिन के हाथ से ॥ २० ॥ (२०) गढोन=किले. गढ़ोई=फिदार. पैग पैग-पदोपदी. हॉव डोलइकडे तिकड. मैगल-हती. उझम-तन्याहाळीत. चोरी रही मन में ठगोरी रही रूप ही में नाहीं तो रही है एक मानिनी के मान में । केस में कुटिलताई नैन में चपलताई भौंह में बैंकाई हीनताई कटियान में । भूषन भनत पातसाह पातसाहन में तेरे सिवराज राज अदल जहान