पान:श्रीएकनाथ.pdf/46

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श्रीएकनाथ. खुदानें इससे सजा करनेके वासते भेजा दिया हमारे हात, इसकी हम जान लेईगे करेंगे मात, यकिने कामील हुवा दिनरात्. अय् मेरे लढनेवाले रिसालदार, लेजाव कैदखानेमे ये मगरूर, पाबंद करो ये हरामखोर, और सुभो उडादो इसकी गर्दन बेफिकर. तोफलखान—मेरा फरजंद और मेरा गोलंदाज मानिंद वजीर लढाइमे हक्क हो गये. ये खुदा हुतालाने मुजे बहोत सजा किया. सिवाय इसके सरकारकी हो मर्जी, तो मय् न करूंगा अर्जी, के मुजे प्यारी है जान मेरी. किसमत् मेरा खराब, तो दुश्मन के हातमे मिलगया, जैरा पिया हुवा शराब, छातीपर हात रखके बक्षी बोले मसे बात, लव्हज् हवेमे उड गया जैसा परिंदा जात गोते खात. जिस मूसे मुजे जान बचानेका किया कलाम, उस मूको आप सो सो दफे सलाम. वजीर चंगीझखान-सरकार, ये तोफलखान जो आपनेकू फिलहाल बादशहा कहता ह्य्, ये बहोत दगाबाज अदमी हय्. इनूने मसे इलिचपूरके गद्दीका मालक बुन्हान महमदशा इमादशाही बिलकुल बच्या उसको कैदमे डालके ये हरामजादा बादशहा बनगया हय्. इसकु सजा होना जुरूर हय्. बादशहा-क्यों दिवान साहेब, इसके उपर आपकी राय क्या है सो हमे पेश किजीये. क्या आपने चेलेने ऐसा येकरार कीयाथा के गनिमोकू कूसूर माफ हो जायगा. जनार्दनपंत—सरकारे आली फीदवीने पहिले मारुजा किया हृय् के जंगका किस्सा मुजे बिलकुल मालूम नहीं. आपको जो कुछ इनाम् बक्षीस जागीर आदा करनेके हो वो एकनाथ जसा मय् वैसा वोही खैरख्वाह नौकर समजके उसकू मिलनेका फर्मान होना, मोतीयोका और हीरेका जवाहिरात पेननेक मय नही आब काबिल, इसलिये सरकारनें होना रहिम दिल और इस्कू सबू आदा करना बिलफेलू. बादशहा-( मोत्यांचा कंटा व पोषाख, एकनाथास देण्याकरिता पुढे करितो. तो घेण्यास अनमान करितो.) तुजे दिल चाहेसो मांगले. एकनाथ–तकसीर माफ्. मय्ने ख्वाप्मे न देखा ऐसा जवाहिरात, मय् लेनेकू इनकार करता हुं साफ, दुश्मनकू गुन्हा हो जाना