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संभावनाओं का आसमान

भले बादलों से घिरा हो,

आकांक्षाओं का सूरज निकल करही रहेगा।

सब्र करो दोस्तों।

अंधेरा हटाने की प्रतिज्ञा लेकर

पलिते जल निकले हैं।

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दि. ११ जून, २०१२
साने गुरुजी स्मृतिदिन

प्रशस्ती/१०६