पीडीएफ सुरेशभट इन च्या सौजन्याने RØR वृत्तविस्तार ७१५ जाँ स्लौ ग् द्रुता डैः ( गच्छ २/६३), रञ्जिता ( ममच्च १४ ), क्षुपदारिका (रपि ६०९), ललित (वृद). ७१६ नैौ भ्र्जी गू 'आजितसप्रिया? : ७१७ यौं न्लौ गू ‘शिवविधी”, डैः ७१८ नैौ त्नौ ग्* भद्र? छैः. ७१९ न्रौ नौ ग्रंश्रित चैः ७२० त्रौ त्रौ “प्रमद्वरा” चैः हें वृत्त म्हणजे जला-द्विरावृत्ता होय. ७२१ त्रौ म्जौ गौ 'आनन्दकन्द? छेः म्हणजे “आनन्द”-द्विरावृत्ता होय. ७२२ स्जौ त्र्जी गौं *अनुराग” जैः म्हणजे मुदद्विरावृत्ता होय. ७२३ त्रौ स्रौ यू“ कन्दर्प” जैः. ७२४ त्रौ म्जौग ‘विद्युलता।” छेः. ७२५ त्रौ रुक्षौ ल्गो *वैशाख”. ७२६ नौ नोंन्रौ'धवलकुसुम' शैः म्हणजे विनुतद्विरावृत्ता होय. ४३ नारी-वर्ग ७२७ नारी - - - ܢ ܢܝ ܢ ܢ ܚ ܢܝ [1] ܕܟܪ̈t؟ܟ ܐܪ9 ७२९ सम्मोहा [ । - - - । --] ७३० तनुमध्या [। -- ~ ~ । --.] ७३१ तुङ्ग ] | ܢ ܢ ܚ ܢ ܢܝ ܢ lーー] ७३२ **हाला' ] -- I --- ح - س ن -------[ ७३३ अधिकारी [। ५ ७ - - । ५ ७ -] ७३४ मुदिता [ v — — v l v — — ] ७३५ झुद्धता ]1 - 1 - - ܢ ܐ ܢ - ܚ[ ७३६ चित्तविलासित[। • • • • - I v — —] ७३७ मातङ्गी [ - - - ! - - -] ७३८ नगरक ]!-- ب --- س -- س ن --[ ७३९ सुविलासा [। • • - - | ~ --~ ] ७४० चित्रपदा ]{ -- ب س --l ب س ---- [ ७४१ 'सुजनकलित? [। ० ० ० ० ० ० !ں ب---- [ ७४२ माणवक ]1[ -- 1 - ܢ ܢ - 1 - ܢ ܢܝ[ ७४३ सम्फुलक [।-- • • । -- • • ] [ ܢ ܢܝ -- - | ܢܝ ܚ - ܟ ܚ ] RH7ܟg* ܐ9Y
पान:छन्दोरचना.djvu/210
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