Jump to content

पान:छन्दोरचना.djvu/172

विकिस्रोत कडून
या पानाचे मुद्रितशोधन झालेले नाही

पीडीएफ सुरेशभट इन च्या सौजन्याने R3 वृत्तविस्तार टीपा ३१८ पणवक (ना १०७), नागवर्मा सातव्या अक्षरानन्तर यति साड्गतो. ३१९ मोटक (भ १६/२६), मोटनक (हे २/१४७), * स्यान्मोटनकंतजजाश्चलगौ” (गछ २/५२). ३२० तोटक (पि ६/३१), ‘ अिह तोटकमम्बुधिसैः प्रथितम्” (के ३/४८ ). ३२१ झुत्थापनी, मागे ५६ पहा. ३२२ प्रमिताक्षरा, मागे ५४ पहा. ३२३ *अति”विमला; “स्मनल्गा विमला” (हे २/१५१, भ ३२/२३३). ३२४ पड्रितिका, मागे २५९ पहा. ३२५ *जिगै श्रुषिता” (हे २/११५). ३२६ विदुषी, मागे २५५ पहा. ३२७ पणव, मागे २५२ पहा. ३२८ झुज्ज्वला मागे २५६ पहा. ३२९ मौक्तिकदाम (हे २/१७३), 'चतुर्जगणं वद मौक्तिकदाम” (के ३/५४). ३३० मौ लगौ ‘तेजस्पतिः? या वृत्ताची मोडणी [--!----। ७ -] अशी अधिक चाङ्गली वाटते. तशी मोडणी धरल्यास वृत्त तटी-वर्गात पडेल. ३३१ पणव, मागे २५२ पहा. ३३२ विदुषी, मागे २५५ पहा. ३३३ झुज्ज्वला, मागे २५६ पहा. ३३४ हंसी, मागे २५३ पहा. २२ विद्युन्माला–वर्ग ३३५ विद्युन्माला [ । - --- । - ---] ३३६ स्निग्धा ] --- ن ں ----- - - - - ३३७ बिन्दु ] | - ܐ ܝ ܚ - ܚ ܝ -- -- -- -[ ३३८ वाताहारी [। ७ ७ ७ ७ - ७ ७ ॥ ----] ३३९ शुद्धान्त ]1[ 1-- -- -- - | ܢܝ ܚ ܢ ܚ ܢܝ ܝ ܚ ܚ[ ३४० कलगीत ] ں ں !-------- ن ں-----------[ ३४१ *पडितरथ? [। -- ७ ७ - । ७ ७ ---] ३४२ कुवलयमाला [। --- ७ ७ ! ن ں -------- ३४३ 'सुरपति? ]lن ں !------ س ن ں ن ------[ ------- د د ا ب س ن ں سے۔ --labR? [l}}}& 3 ३४५ अधैक्षामा [। -- --। - ५ ५ - -]