पान:गीतारहस्य प्रकरण चवदावे ते परिशिष्ट प्रकरण आणि पूर्वार्ध शेवट.pdf/171

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शारीरआत्मा, २४ ४. शारीरकसूत्रं, १२ शास्र, ७४ ४ ६९. शुक्लमार्ग, २९३, शुद्धाद्वैत, १७. शुद्धवासना, ३६७. शेवपंथ, ५१ ७. *エT、イー☆. श्रेय, ९ ३,११६, १ १७. स सत्, ९२७,२४२,२४ ३,२४ ९ • सत्तासामान्यत्व, २१ ३. सत्कार्यवाद, १५३, २ ३ ४, २४ १. सत्व, १५५. सदसद्विवेक देवतापक्ष, १२२,१२४. सदसद्विवेकबुद्धि, १ २३. सत्य, ३३, २ १४,२१५, २२१. समत्वबुद्धियोग, ३७९. समता, ३९१. संभूति, ३५७. संसार, २६ ३, संकल्प, १३२. संग, १११,३२३,३२५. सत्यानृतविवेक, २३,३४. संग्रह, (कोशार्थ) ३२७. संप्रह, (राष्ट्रांचा) ३९७ सघात, १४४. सोचत, २६८. सैन्यास, ३०१, ३०२, ३ ४ ६, ४ ३ २, ४४४,४५१ ,४६ १,४९७. संन्यासी, ३०२.

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संन्यासनिष्ठा, १४,४२. संन्यासी स्थितप्रज्ञ, ३७२. संपत्, (आसुरी), १०९. सर्वभूतहित. ८४,८५. सात्वत धम १० . सात्त्विक बुद्धि, १३५.१३६. सांख्य (दोन अर्थ). १५०, सांख्य (धात्वर्थ), १५१. सांख्य (ज्ञानी), ३०१,३४९,३६१.

  • ※ 。 ४४७,४५२,४५३,४६२, ४ ६ ६.

مداوا گ و آتTT स्मातै ३३७,३३९,३४०. स्मातै कमें, ५४. स्मातै यज्ञ, ५४. स्वधर्म, ४९२. सिद्धावस्था, २४७. स्थितप्रज्ञं, ३७१,४६०.: सुखदु:ख, ९६. ,, (अध्यात्मिक) ९७. ,, (आधिदैविक) ९६. ,, (अधेिभौतिक) ९६. सुखवाद (आधिभौतिक) ७६. सूक्ष्म १५६. सूक्ष्मशरीर, २५८. सेश्वर नैय्यायिक, १४९. स्थूल, १५६. स्वार्थ. ,, (निव्वळ चार्वाक)७७,७८,८९. 多意 (दूरदशाँ हॅॉब्सु) < oっく i. ,, (शाहाणा-उदात्त, सिज्विक-हेल्वेशियस्)८३,८४.