पान:नित्यनेमावली.pdf/८७

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. ५१ मलिनलिदाडुव नागर हेडिगे | अगमकारगे अनेक- रूपिगे । जगद अरसगे जन्म विनाशगे ||३|| लिंग वर्णिगे निझंकारगे । झणा झणा बहुनाद भोरगे । अंगदोळगिरु संगमेशगे। गंगाधरगे गौरीहरगे ||४|| एनवर्णिगे चन्नरूपिगे | भिन्नविल्लदे पाद तोरुत्रगे | मत्ते बारद मुक्ति कोट्टवगे | नंविद भक्तगे तुंवितुळु । कुशिवगे ||५|| देशकधिकवाद बास उमदी | गुरुविन पाददोळानंद शिवा । आतन बोधदोळु निमग्न हरा | नडु मध्यदल्लि कंडेवु धना || परिपरियिदलि परमा- स्मनिगे ||६|| - (९) ज्योति बेळगुतदे | झगझग | ज्योति बेळगुतदे ॥ ॥ अस्तमगिरि चन्न मस्तकदोळु चलुव || वस्तु काजुतदे झगाझग | १ | मानस तुदियलि ज्ञानके निलुक दे । ताने होळेत झगझग || २ || कंगळ मध्यदि तुंग गुहुद योगि | अंग होळेग्रुतदे झगाझग || लिंग होळेयुतदे झनझन ||३||