पान:छन्दोरचना.djvu/229

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पीडीएफ सुरेशभट इन च्या सौजन्याने छन्दोरचना RoR [-|ب - ب --ں بlں --- ب - ن ں ] ९६७ मितभाषिणी { } - - | - - - -| प्रतिाक्षरा ९६८ मानिनी gdf s ܃ [- | ܟ ܟ ܟ ܟ ܝ - ܟ | ܟ ܟ ܟ - ܝ - | ܟ ܝ -- {{...'...' - V V V V V V । -]' श्रुडुपथ ? ९६९ रविप्रभा - | ܚ ܚ - ܚ ܚ - 1 ܟ ܚ - ܚ ܚ - [ ܚ ܚ - ܟ ܚ ܢ ܟ נו"ן::::2יti": "ז::::::}} ९७० * अन्तर? I"ܪܰHf [- ܝ ܟ -1 ܚ ܝ - ܟ ܚ - | ܝ ܚ - ܚ ܝ - | ܚ ܝ - ܟ ܚ - | ] [~ ~ | - ~ ~ -]| नलिनी ९७१ * ॐक्षुत्तमवंशा ? 7"fahaܗfd*܃ [- - | ܟ ܝ - ܚ ܚ ܝ ܚ ܐ ܗ 2 | ܗ 2 ] [ • • । - - - • • । --] सम्बुद्धि - ܚ ܝ ܚ ܝ | ܗ 2 | ܗ 2 ܐ ܗ 2] ९७२ शिखा { {¢े||८||८|| V V V V V V - एवव्-जा ]2 ܢ ܟ ܚ ܟ ܟ ܝ | 2ܗ̄ 2 ܐ ܗ̄ 2 | ܗ - ९७३ ठञ्- {{纂影蠶°C二道 टीपा ९३९ 'सजस्गा भर्नगगाः केतुमती” (हे ३/५), ' असमे सजौ सगुरुयुक्तौ । केतुमती समे भरनगाद्ग:” (के ४/५). ९४० * स्लगा सिल्गा fstマT”(竜 R/R2) ९४१ 'स्लगाः मुर्मुगाङ्कमुखी” (हे ३/२९).९४२ नजजल्गा भिगैी अच्युतक (ना २०७). ९४३ सीः तजजलगा 'मधुपिङ्गल'. ९४४ तज्या भिगगा 'सुविनीता'. ९४५ वेगवती (हे .३/२), आपातलिका (हे). ‘ विषमे प्रथमाक्षरहीनं । दोधकमेवाह वेगवती स्यात् ” (गछ ३/२). ९४६ ** अयुजि ननभभाः समकेऽपि तु । नयुगरयुगलं तदा कौमुदी ? ( गच्छ ३/१३). ९४७ तजरा मस्जगाः * क्षुत्क्षीण ?. ९४८ वियोगिनी