पान:छन्दोरचना.djvu/194

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पीडीएफ सुरेशभट इन च्या सौजन्याने १६७ वृत्तांवेस्तार १/२१९). ५६१ स्नौ न्भौ न्जी न्सौ स्'रघुवीर.” ५६२ शालूर (प्रांपै २/२१२). ५६३ नगणदशकाद् गुरुः 'रघुरमण'. ५६४* म्सौ ज्सौ ज्सौ ज्र्गी दीपार्चिः चैः” ( हे २/३५८ ). हा यात साङ्गितलेला नसता ܝ ܚ ܢܢ - ܚ - | ܝ ܚ ܢ ܼ- ܚ - | ܟ ܝ -- -- - 1] t[f tilgofܟ# 4I ]» अशीहि होङ्यूं शकली असती. ५६५ *त्रीनौं ल्गा श्चित्रकं ] -- س --س- س -- ! (हे २/३६३). यति साङ्गितलेला नाही; झुदाहरणावरून तो निर्णीत होत नाही. दीपाचेि वृत्ताशी दिसणा-या साम्यावरून ही मोडणी दिली आहे. निराळी [-- ن -- ن -- Iں ں ں - ن - ان نہ ں --- ن --- ا ب س ن - ب --- HTg Oft[il ३३ कामोन्मत्ता-वर्ग ५६६ *कामोन्मत्ता” [ विद्युन्मालाद्विरावृत्ता ] '९६७ मञ्जीर [ । ----। --- ५ ५ । --- ५ ५ । ---- ] ५६८ हेमकला [ । मोदक । दोधक ] ५६९ 'वरदा? [। मोदक । स्वागता ] ५७० ' परिमिति? [। ० ० ० ७ - ० ० । - ७ ७ - ~ ` । स्वागता ] ५७१ रव्.जनाः [- - ܢ ܢܝ -- ܐ ܢ ܢ ܚ ܢܝ ܝ ܚ - | ܚ ܢܝ ܝ ܚ ܝ ܚ - | ܝ ܚ ܝ ܚ ܝ ܚ - [ ] ५७२ 'समुद्द्लस? [ ܢ ܚ - ܚ ܢܝ -- ܐ ܢ ܢ ܚ ܢܝ -- -- ܐ ܝ ܚ ܝ ܚ -- - | ܢܝ ܚ ܢ ܢܝ -- - | ] ५७३ तन्वी [ ‘ सुर”ललना । नयनविशाला ] ५७४ “सुरुचिर” हंसी [[विद्युन्माला । सुपवित्रा] ५७५ किरीट [मोदकद्विरावृत्ता ] [- ܚ ܢ ܝ ܟ ܚ ܢ | ܢ ܚ ܢܝ ܚ - - T Iܐafasqqܟ ] Tfigܟ &9 ५७७ मत्ताक्रीडा [[विद्युन्माला । मणिगुणनिष्कर ] ५७८ क्रौञ्चपदा [ रुक्मवती । मणिगुणनिष्कर ] ५७९ हंसपदा [सुषमा । मणिगुणनिष्कर ] ५८० *हिरण्यकेशी” [जलँौघवेगाद्विरावृत्ता ] ५८१ चित्रक