पान:छन्दोरचना.djvu/187

विकिस्रोत कडून
या पानाचे मुद्रितशोधन झालेले नाही

पीडीएफ सुरेशभट इन च्या सौजन्याने छन्दोरचना 8ço २८ मणिकल्पलता-वर्ग [- ܚ ܚ - ܢ ܚ l- - ܚ - ܚ | ܟ ܠܐ - ܚ ܝ ܚ ܚ | ] IIܗܗܘܼܨܪ̈[Hf0 ܟܟܐ [--ب ب - ب بہ ! --ں بں -- بہ! کHFK IT [1------- S|ہماچo oہا [--ں ں --- ن ں !-- س ن ں س-ں ss l-س-ں ں --o8&f&RaT[lہا [- ܝ ܚ - ܟ ܚ |- ܚ ܝ ܚ - ܚ |ܠܐ ܠܐ - ܚ ܚ ܝ ܚ |] gܕffqܟ ܟ ܘܢ [- ܟ ܚ ܝ ܚ ܝ ܚ ܐ -- - ܚ - ܝ | ܡ ܡ - ܚ ܟ - ܐ] ܐܶavgg«i ܪ ܘܢ܆ [- ܚ ܝ ܚ ܝ ܚ ܚ !- ܚ ܝ ܚ - ܚ ܐ ܟ ܠܐ - ܚ ܚ - |] ܗqilg ܐ ܘܢ [- ܚ ܝ ܚ ܝ ܝ ܚ |- ܚ ܝ ܚ - ܚ | ܡ ܠܐ - ܚ ܝ ܚ ܢ |] ܊gsqarܟ݂ ܃ ܘܢ܃ [--ں نہ ب س ن ں ا ں ب س ن ں --ں اS S -- ن ں --o & dHR{G[lہا [- - ܚ - ܚ - ܟ ܚ - ܟ ܚ ܐ ܡ ܡ - ܚ ܚ ܝ ܚ | ] fܕg"-qIfGܟ݂*܃ 9ܢܘ܉ [----ں --ں {--- س ن ں --~ں !S S سے ب س ن ں | ] oc{fOI={Tہا [---- س ن ں --- ں !-- س ن ں ــــــن | S sl -- ن ں --۹I[I)&مo &fR&fہا [---ں بں ---ں !-- س ن ں س~ں SSں ں ن ں ]IfR{{Tشمo R{Hafeq &ہا [- ن -- س - ن -- س ن ں --ں \ S S - س ن بن ] }TTRSERk ? ? ہا ५१२ मालाधर [। ७ ७ ७ ७ ७ - ऽ ॥ ७ - ७ ७ ७ - ॥ ७ - - ७ -] ४९९ मणिकल्पलता (हे २/२६४, कद ४/७८); नजरभभेन गेन च स्यान् मणिकल्पलता” (गछ २/१५९). ५०० म्जी सौ स्त्र झुन्माल्या गचैः हैं वृत्त आणि हें नाव हीं विद्याधर वा. भिडे यांनी दिलीं आहेत. ५०१ ** शैलशिखा भ्रौ न्भौ भ्गौ भूतरसेन्द्रियाः?? (पि ८/११) हे अस्वाभाविक यती हेमचन्द्र (हे २/२८२) साङ्गत नाही. ५८२ * अवितथं न्जौ भ्र्जी ज्र्ली ग्र” (पि ८/१४, हे २/२९८), नकुंटक (वबू १०३/५२, विवृ ५/३८, जयदेव), नर्दष्टक (गछ २/१६८), कनकाब्जिनी (ना १६५) कीणीहि यति साङ्गत नाही. ** नजभजजा लगौ च यदि नकुंटकं तु तदा ?? (झुवबू १०३/५२); याच लगक्रमाच्या कोकिलक वृत्तांत मात्र पिङ् गल 'वस्विन्द्रिथसमुद्राः? (पि ८/१५) आणि हेमचन्द्र *छचैः” (हे २/- २९९) असे निरनिराळे यति साड्गतात. ५०३ वरयुवति (पि ८/१२, हे २/२८३ ); ** भो रयना नगौ च यस्यां वरयुवतिरियम्? ( गच्छ २/१६१ ). ५०४ वंशादल (स्वछ ६१), वंशपत्रललित (स्वछ ६३), वंशपत्रपतित