पान:छन्दोरचना.djvu/149

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पीडीएफ सुरेशभट इन च्या सौजन्याने छन्दोरचना RRK (हे २/४६), हैं वृत्त शिखरिणीत्यादि अनेक वृत्तांच्या आरम्भों गणरूपें ९ अपराजिता—वर्ग भाराक्रान्ता-भुजङ्गविजूम्भित-पिपीलिका ११ १ लय ] ں --- ں ں --ں ! سب س ن ں ں--[ [- ܢܢ - ܢܢ ܢܢ - ܝ ! - ܢ ܢ ܚ ܢܝ ܢ ܐ -- -- -- - ] dTܪ̈ܐà 3TJsh ܀ ؟ ११३ कन्ता ] ں -- ں ں --ں !---ں ں ں ن ں !-------ں--[ ११४ कुराङ्गका [----- ! ں -- ں ں ----ں !--ں ب س ن ں --[ ११५ मकरन्दिका [७ - - - - - ! ں -- ن دہ - ں ! جہاں ں ں ن ں--[ [ ۔ ں ہے۔ ں ں ہ-ں !-- ں ں ن ں ں ں ] X&& 31q Rift dT ११७ चल ]-----------! ں --ں ب س ں !--ں ں ن ں ں ں--[ [- دہ ہ-ں ں - ں ! ہے۔ ں ن ں ں ں ں ! ہے۔ --ں ۔ ں -----] abSIR tfa && [- ں - ں ں ۔۔ ں ! -- ں ں ں ں ں ں ] }&gHHif& & & & [ ہے۔ ں --- ن ں حس۔ ں !---- ں ں ن ں ں ں !------- ں ] }}&o HifORH && १२१ भुजङ्गविजूम्भित [८ गा ! ८ ल ~ ७ - ! ७ - ७ ७ - ७ -] १२२ प्रमोदमहोदय[४ ग!-~~----!८ल ७ ७ -!७ - ७ ७ - ७ -] १२३ पिपीलिका [८ गा ! १४ ल गा ! ७ - ७ ७ - ७ -] १२४ पिपीलिका-करभ [८ गा ! १९ ल गा ! ७ - ७ ७ - ~ -] १२५ पिपीलिका-पणव [८ गा ! २४ ल गा ! ७ - ७ ७ - ७ -] १२६ पिपीलिका-माला [८ गा ! २९ ल गा ! ७ - ७ ७ - ७ -] टीपा १११ *न्सौं जौं गो लयः” (हे २/२०९). ११२ भाराक्रान्ता (स्वछ ७१, हे २/२९२), “ भाराक्रान्ता मभनरसला गुरु श्रुतिषड्हयैः ” ( गच्छ २/१७१ ). ११३ कान्ता, ** भवेत्कान्ता युगरसहयैर्यभौ नरसा लगौ ” (गछ २/१७३). ११४ कुरड़िगका (स्वछ ८१), ' म्तन्जभ्राः कुरङ्गिका ड्छेः” (हे २/३१२). भाराक्रान्ता-मकरन्दिका यांच्याशी तुलना करून पहातां आणि स्वयम्भूच्छन्दांतील ब्रह्मअत्ताचा श्लोक पहातां कुरड्गिकावृत्ताचे