या पानाचे मुद्रितशोधन झालेले नाही
प्रसाद देऊन रूपीं मस्तकावर रूपीं किरीट व रूपीं शाळू परिधान केला होता तद्वत् हल्लीं राजे महाराजांनी किरीट व शालु सह रूपीं आभरण धारण करावें आणि *-*: रूपीं कृपादृष्टी ठेवून कष्टी ॐ झालेल्या गरीब प्रजेचे पालन करून प्रजेकडून दुवा razzazz//rayo,
o - S S S S S S S S S S S S S S S S S S S S S - *--------- - :* - - - --- * *-.-. S S S S S S S S S S S S S S S S S S S S S S S -ബ ፃo