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अनुक्रमणिका.
विषय. | पान. | विषय. | पान. | ||
---|---|---|---|---|---|
भाषासौंदर्यशास्त्र. | ... | १ | ७ अरीतिमत. | ... | १४ |
शब्दयोजना. | ... | १ | ८ अविपृष्ट विधेयांश. | ... | १५ |
शब्ददोष. ... | ... | २ | अर्थसाधन. ... | ... | १५ |
१ च्युतसंस्कृति. | ... | २ | अर्थाचे भेद. | ... | १५ |
२ अप्रयुक्त. | ... | २ | वाच्यार्थ. ... | ... | १५ |
३ संदिग्ध. | ... | २ | लक्ष्यार्थ. ... | ... | २० |
४ व्यर्थ. ... | ... | ३ | व्यंग्यार्थ. ... | ... | ४१ |
५ अश्लील. ... | ... | ३ | अर्थाचे दोष. | ... | ४५ |
६ अप्रतीत. | ... | ४ | १ अपुष्टार्थ. | ... | ४६ |
शब्दगुण. ... | ... | ५ | २ व्याहत. ... | ... | ४६ |
१ प्रसाद. ... | ... | ५ | ३ पुनरुकत. | ... | ४७ |
२ माधुर्य. ... | ... | ६ | ४ दुष्कम. ... | ... | ४७ |
३ संक्षिप्तत्व. | ... | ७ | ५ ग्राम्य. | ... | ४७ |
४ उदात्त. ... | ... | ७ | अर्थाचे गुण. | ... | ४८ |
५ समाधि. ... | ... | ८ | १ भाविकत्व. | ... | ४८ |
वाक्यरचना | ... | ८ | २ सुशब्दत्व | ... | ४९ |
साकांक्षा. ... | ... | ९ | ३ पर्यायोक्ति. | ... | ४९ |
निराकांक्षा. ... | ... | १० | ४ सुधर्मिता. | ... | ५० |
वाक्यदोष. ... | ... | ११ | रसविचार. | ... | ५० |
१ न्यूनपदता. | ... | ११ | हाव. ... | ... | ५२ |
२ अधिकपदता. | ... | ११ | भाव. ... | ... | ५४ |
३ व्याकीर्ण. | ... | १२ | स्थायीभाव. | ... | ५४ |
४ समाप्तपुनरातत्व | ... | १२ | विभाव. ... | ... | ५५ |
५ भग्नक्रम. | ... | १३ | अनुभाव. ... | ... | ५६ |
६ वाक्यगर्भ. | ... | १४ | व्यभिचरीभाव. | ... | ५८ |